हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "
तोहफ ए ओकूल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العسکری علیہ السلام
مَن وَعَظَ أخاهُ سِرّا فَقَد زانَهُ و مَن وَعَظَهُ عَلانِيَةً فَقَد شانَهُ
हज़रत इमाम हसन असगरी अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जिसने अपने दीनी भाई को तनहाई में नसीहत की तो गोया उसने इसे संवार दिया, और जिसने अपने भाई को सरेआम नसीहत की तो गोया उसने इसे शर्मिंदा किया-
तोहफ ए ओकूल,पेंज 489